जुलाई 31, 2015
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आदरणीय थुबटेन चोड्रोन के शिक्षण संग्रह में सभी पोस्ट देखें।
तर्कसंगत तर्क के माध्यम से समझना
परम प्रकृति मन से अज्ञेय है, बनाम तर्क है कि यह संभव है ...
पोस्ट देखेंप्रसंगिका दृश्य
चोंखापा की प्रासंगिका दृष्टिकोण की व्याख्या, और यह कहने का क्या अर्थ है कि वस्तुएं हैं…
पोस्ट देखेंखालीपन और करुणा
शून्यता को सही ढंग से समझने का महत्व और यह कैसे करुणा के विकास से संबंधित है।
पोस्ट देखेंखुद को क्षमा करना
अपनी पूरी क्षमता का एहसास करने के लिए कम आत्मसम्मान और आत्म-आलोचना पर काबू पाना।
पोस्ट देखेंपकड़ना छोड़ देना
अभी अभ्यास कर रहे हैं ताकि इस समय अपने शरीर, धन और दोस्तों को त्याग दें ...
पोस्ट देखेंमृत्यु के समय क्या मायने रखता है
मोह और द्वेष की डोर को काट देना ताकि हम क्षुद्रता से मुक्त हो सकें...
पोस्ट देखेंमौत की तैयारी
हमारे आस-पास लगातार हो रही मौतों पर चिंतन करना हमारे लिए अभ्यास करने की चेतावनी है...
पोस्ट देखेंअध्याय 1: श्लोक 33-36
समुच्चय और व्यक्तियों की निस्वार्थता के क्रम पर निर्भरता में आत्म-लोभी कैसे उत्पन्न होती है ...
पोस्ट देखेंमृत्यु को याद करने का उद्देश्य
यह स्पष्ट करते हुए कि हमारी मृत्यु को ध्यान में रखने का उद्देश्य भय पैदा करना नहीं है,…
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