दूसरे किनारे को पार करना
जीएस द्वारा
यह मेरे ध्यान में मेरे पास आया, मुझे यकीन नहीं है कि कहाँ से ...
आंखें खालीपन में उबाऊ-क्यों?
मनुष्य अपने अस्तित्व की ओर देख रहा है—कहां?
Vajrasattva-विनाश!
नदियाँ लुढ़कती हैं
नदियाँ गुजरती हैं
मुड़ा हुआ।
संघर्षरत, लहराते हथियार,
फिसलते पैर, लोभी पैर…
सफेद पानी रैपिड्स-आह ...
यार नहीं - कहाँ?
खालीपन—डर—क्यों?
अज्ञान—पहुंच—पहुंचना
बाहर-भ्रम।
Vajrasattva-मदद करना!
ऊपर सिर,
घबराहट, आतंक, चुप्पी।
मन इधर, मन उधर-आशा।
नहीं देख सकता! उँगलियों से झाँक कर फैला,
Vajrasattva- करुणा, शांत रहने वाला,
आराम, सांत्वना, एक-बिंदु-वहां!
कैद लोग
संयुक्त राज्य भर से कई जेल में बंद लोग आदरणीय थुबटेन चॉड्रोन और श्रावस्ती अभय के भिक्षुओं के साथ पत्र-व्यवहार करते हैं। वे इस बारे में महान अंतर्दृष्टि प्रदान करते हैं कि वे कैसे धर्म को लागू कर रहे हैं और सबसे कठिन परिस्थितियों में भी खुद को और दूसरों को लाभान्वित करने का प्रयास कर रहे हैं।