ध्यान के चार प्रतिष्ठानों पर एकांतवास करने के बाद विचार
ध्यान के चार प्रतिष्ठानों पर एकांतवास करने के बाद विचार
द्रोणसेल श्रावस्ती अभय में एक अंगरिका (आठ-सिद्धांत ले ट्रेनी) है। ये कविताएँ 2023 विंटर रिट्रीट में भाग लेने से लेकर माइंडफुलनेस के चार प्रतिष्ठानों पर उनकी अंतर्दृष्टि को पकड़ती हैं।
स्वार्थरहित
मन के रूप में मन कोई शांति नहीं जानता
मन शांत है, मन बिल्कुल भी नहीं है
A परिवर्तन as परिवर्तन आसानी नहीं जानता
A परिवर्तन आराम से नहीं है परिवर्तन सब पर
स्वयं के रूप में एक स्वयं मुझे बिना संतोष के जानता है
मैं के बिना एक आत्म संतोष के साथ निःस्वार्थ है
कंकाल
भविष्य मैं वर्तमान आप है
भूतकाल तुम वर्तमान मैं हो
हम चार तत्वों से बने हैं,
पाँच समुच्चय, छह चेतनाएँ
उन्हें हटाकर, राख से राख,
धूल को धूल
हमारे बीच क्या अंतर है?
आत्म केन्द्रित
जब मेरा है तो दिल कहाँ है
जब मैं हूं तो मन कहां है
जब स्वयं नहीं है तो मैं कहां है
जब स्वयं है तो संवेदनशील प्राणी कहाँ झूठ बोलते हैं