ध्यान (पाली: झाना)

रूप क्षेत्र में ध्यान स्थिरीकरण; पूर्ण एकाग्रता जहां न केवल पांच बाधाओं को दबा दिया जाता है बल्कि मन भी पूर्ण ध्यान में लीन हो जाता है।