प्रतीत्य समुत्पाद (प्रत्यासमुत्पाद)

यह तीन प्रकार की होती है: (1) कारण निर्भरता- कारणों से उत्पन्न होने वाली चीजें और स्थितियां, (2) परस्पर निर्भरता-घटना अन्य के संबंध में विद्यमान घटना, और (3) आश्रित पदनाम-घटना केवल नियमों और अवधारणाओं द्वारा निर्दिष्ट होने के द्वारा विद्यमान।