सफलता ज्ञान

प्रज्ञा जो सच्चे निरोध को अनुभव करती है, जो परम सत्य में प्रवेश करने वाले ज्ञान पर ध्यान केंद्रित करने वाले एकाग्र मन से उत्पन्न होती है। (पाली: अभिसमाय पञ्शा)