निरोध का अवशोषण (निरोध-समाप्ति)

आर्य के सातत्य में एक अमूर्त सम्मिश्रण जिसमें सूक्ष्म मानसिक प्राथमिक चेतना से जुड़ी स्थूल भावनाएँ और भेदभाव समाप्त हो गए हैं।