बौद्ध मनोविज्ञान के अनुसार सदाचारी और अगुणी मानसिक अवस्थाओं की प्रस्तुति।
भावनाओं से ज्यादा किसी अनुभव की संवेदनाओं पर ज्यादा ध्यान देने का महत्व...
हमारे विचारों और चेतना का बौद्ध दृष्टिकोण।